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केंद्रीय कापूस तंत्रज्ञान संशोधन संस्थेच्या (CIRCOT) शताब्दी स्तंभाचे उपराष्ट्रपती जगदीप धनखड यांच्या हस्ते उद्घाटन – महासंवाद
मुंबई दि. ३ : भारतीय कृषी संशोधन परिषदेच्या केंद्रीय कापूस तंत्रज्ञान संशोधन संस्थेच्या (CIRCOT) शताब्दी स्तंभाचे उपराष्ट्रपती जगदीप धनखड यांच्या हस्ते उद्घाटन करण्यात आले.
भारतीय कृषी संशोधन परिषदेच्या (आयसीएआर) अंतर्गत असलेल्या केंद्रीय कापूस तंत्रज्ञान संस्थेच्या (CIRCOT) शतकपूर्ती स्थापना दिन सोहळ्यास प्रमुख पाहुणे म्हणून उपराष्ट्रपती जगदीप धनखड उपस्थित होते. यावेळी उपराष्ट्रपती यांच्या पत्नी डॉ. सुदेश धनखड, राज्यपाल सी.पी.राधाकृष्णन, केंद्रीय कृषीमंत्री शिवराजसिंह चौहान, केंद्रीय कृषी राज्यमंत्री रामनाथ ठाकूर, भारतीय कृषी संशोधन परिषदेचे सचिव तथा महानिदेशक डॉ.हिमांशु पाठक तसेच संस्थेचे पदाधिकारी, कृषी तज्ज्ञ, संशोधक व इतर मान्यवर उपस्थित होते.
केंद्रीय कापूस संशोधन तंत्रज्ञान संस्था ही कापूस उत्पादन आणि तंत्रज्ञानातील संशोधनात महत्वपूर्ण योगदान देणारी संस्था आहे. संस्थेच्या शतकपूर्तीच्या निमित्ताने या कार्यक्रमाचे आयोजन करण्यात आले होते.केंद्रीय कापूस तंत्रज्ञान संशोधन संस्था (CIRCOT) १९२४ मध्ये स्थापन झाली. ही संस्था कापूस क्षेत्रातील संशोधन आणि तंत्रज्ञानाच्या क्षेत्रात महत्त्वपूर्ण कार्य करते.
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दत्तात्रय कोकरे/विसंअ/
यदि अगर संस्थाएँ जीवंत होती, योगदान करती, यह हालात कभी नहीं आते।
यह आप और हमारे सामने प्रश्न हैं। In a country of 1.4 billion people, with a network of such institutions, dotting every nook and corner of the country, covering every activity of agronomy, किसान तक बात पहुँच रही… pic.twitter.com/tuj3QYIasP
— Vice-President of India (@VPIndia) December 3, 2024
किसान यदि आज के दिन आंदोलित हैं, उस आंदोलन का आकलन सीमित रूप से करना बहुत बड़ी गलतफहमी और भूल होगी।
जो किसान सड़क पर नहीं है, वह भी आज के दिन चिंतित हैं, आज के दिन परेशान है।
भारत को विकसित राष्ट्र का दर्जा मिलना है तो हर व्यक्ति की आय को आठ गुना करना है। उस आठ गुना करने में… pic.twitter.com/QwARvUuJQF
— Vice-President of India (@VPIndia) December 3, 2024
मैंने 2 दिन पहले मेरी चिंता व्यक्त की थी कि किसान आंदोलित हैं। मैंने किसान भाइयों से आह्वान किया था की हमे निपटारे की ओर बढ़ना चाहिए।
हम अपनों से नहीं लड़ सकते। हम यह विचारधारा नहीं रख सकते कि उनका पड़ाव सीमित रहेगा, अपने आप थक जाएंगे।
अरे भारत की आत्मा को परेशान थोड़ी ना… pic.twitter.com/n3RJ2tFckU
— Vice-President of India (@VPIndia) December 3, 2024
मुझे समझ में नहीं आ रहा है: किसान से वार्ता क्यों नहीं हो रही है?
I fail to understand why we cannot work out a formula in consultation with economists, think tanks that will reward our farmers.
अरे, हम तो reward के बजाय जो due है उसको नहीं दे रहे।
जो promise किया गया है, हम… pic.twitter.com/OGspae68e8
— Vice-President of India (@VPIndia) December 3, 2024
किसान से वार्ता अविलंब होनी चाहिए और हमें जानकारी होने चाहिए, क्या किसान से कोई वादा किया गया था?
प्रधानमंत्री जी का दुनिया को संदेश है, जटिल समस्याओं का निराकरण वार्ता से होता है।
माननीय कृषि मंत्री जी, आपसे पहले जो कृषि मंत्री जी थे, क्या उन्होंने लिखित में कोई वादा किया… pic.twitter.com/4CWaZlf7lh
— Vice-President of India (@VPIndia) December 3, 2024
हमारा मन सकारात्मक होना चाहिए, रुकावट पैदा करने वाला नहीं होना चाहिए कि किसान को यह कीमत दे देंगे तो इसके दुष्परिणाम होंगे।
किसान को जो भी कीमत देंगे, उसका पांच गुना देश को मिलेगा, इसमें कोई दो राय नहीं है!#ICAR #CIRCOT @IcarCircot @icarindia pic.twitter.com/9IhixhlNmZ
— Vice-President of India (@VPIndia) December 3, 2024
कृषि मंत्री जी, एक-एक पल आपका भारी है। मेरा आप से आग्रह है कि कृपया करके मुझे बताइये,
क्या किसान से वादा किया गया था?
किया गया वादा क्यों नहीं निभाया गया?
वादा निभाने के लिए हम क्या करें हैं?गत वर्ष भी आंदोलन था, इस वर्ष भी आंदोलन है।
कालचक्र घूम रहा है, हम कुछ कर नहीं रहे… pic.twitter.com/7WawdAu5c9— Vice-President of India (@VPIndia) December 3, 2024